|

16 दिसंबर 1971 जब पाकिस्तान भारत से युद्ध हारा

16 दिसंबर यानी आज के ही दिन 1971 में पाक सेना ने अपने 93000 सैनिकों के साथ आत्मसमर्पण किया था। महज 13 दिन में घुटने टेकने वाली पाक सेना के सामने हमारी सेना काफी कम थीं, बावजूद इसके भारतीय सेनाओं ने दबाव का ऐसा माहौल बनाया कि पाक को झुकना पड़ा और बांग्लादेश का उदय हुआ। उस वीर विजय की आज 40वीं वर्षगांठ है।

16 दिसंबर 1971 सुबह 10:40 बजे अल्टीमेटम समाप्त होने से पहले ही पैरा बटालियन, जो ढाका के बाहरी क्षेत्र में पहुंच गई थी, ने मेजर जनरल मोहम्मद जमशेद और उनकी 26 इन्फैंट्री डिवीजन के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया। दोपहर 230 बजे जनरल नियाजी ने आत्मसमर्पण की प्रक्रिया शुरू कर दी तथा शाम 4:31 बजे तक उन्होंने ऐतिहासिक ढाका रेसकोर्स में पूर्वी कमांड के जीओसी इन चीफ लेफ्टिनेंट जनरल जगजीत अरोड़ा के समक्ष औपचारिक रूप से आत्मसमर्पण कर दिया। इस शानदार जीत के कुछ अनदेखी तस्वीरें आपके लिए मैं यहाँ पर पोस्ट कर रहा हूँ उम्मीद है आपको पसंद आएगी.

1971 के युद्ध की कुछ अनदेखी तस्वीरें जनरल सैम मानेकशॉ 8वीं गोरखा राइफ़ल्स के वीरता पदक विजेता सैनिकों के साथ
एक भारतीय गोरखा जवान की बातों पर मुस्कुराते हुए जनरल सैम मानेकशॉ और लेफ़्टिनेंट जनरल सरताज सिंह.
1971 की लड़ाई में गोरखा सैनिक की मदद से अस्थायी मोर्चे पर चढ़ते भारत के पहले फील्ड मार्शल मानेकशा
भारतीय सैनिकों के सामने हथियार डालने के बाद युद्धबंदी कैंप में पाकिस्तानी सैनिक. युद्ध के दौरान मंत्रणा करते हुए तत्कालीन रक्षा मंत्री जगजीवन राम और थलसेनाध्यक्ष जनरल सैम मानेकशॉ.
पश्चिमी कमान के प्रमुख जनरल कैंडिथ वरिष्ठ सैनिक कमांडरों से मंत्रणा करते हुए. ढाका की ओर बढ़ता हुआ रूस में बना भारतीय टैंक टी-55 भारतीय सैनिकों को ढाका की तरफ़ बढ़ने से रोकने के लिए पाकिस्तानी सैनिकों ने हार्डिंज पुल पर अपना ही टैंक ख़राब करके छोड़ दिया पश्चिमी पाकिस्तान में इस्लामकोट पर सफल हमले के बाद 10पैरा कमांडो के भारतीय सैनिक लौटते हुए (साभार- भारतीय तटरक्षक )

Posted by Unknown on 03:26. Filed under , . You can follow any responses to this entry through the RSS 2.0. Feel free to leave a response

0 comments for "16 दिसंबर 1971 जब पाकिस्तान भारत से युद्ध हारा"

Leave a reply