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मायावाती बनी पृथक गोरखालैंड के लिए मुद्दा

कालिम्पोंग। क्रांतिकारी मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी की ओर से यहां कई स्थानों पर पोस्टर चिपकाए गए हैं। इसमें माया को सलाम और जसवंत से सवाल किया गया है। यह पोस्टर पूरे दिन लोगों में चर्चा का विषय बने रहे। इसमें उत्तर प्रदेश में चार अलग राज्य बनाए जाने पर मुख्यमंत्री मायावती की सराहना की गई है और इसे ऐतिहासिक फैसला बताया गया है। पत्रकारों से बातचीत के दौरान आंचलिक कमेटी अध्यक्ष किशोर प्रधान सचिव/प्रवक्ता मोहन पौडयाल ने संयुक्त रूप से कहा कि भारत का परिदृश्य और अलग राज्य के प्रति कई नेताओं का नजरिया भी बदला है। इस समय छोटे राज्य तेजी से बढ़ रहे हैं और इस बात को नेता भलि-भांति समझते हैं। इसके लिए तेलंगाना आंदोलन को भी श्रेय दिया जाना चाहिए और मायावती के कदम उठाने के बाद कांग्रेस के नेताओं में भी खलबली मची हुई है।

यह जाहिर भी है, क्योंकि अगले वर्ष के शुरूआत में ही उत्तर प्रदेश अन्य राज्यों में चुनाव होने हैं। ऐसे में अलग राज्य का नारा देकर काफी हद तक मायावती ने लोगों से जुड़ने की कोशिश की है। चार राज्य होने से उनकी पार्टी का भी विस्तार होगा और कद अलग से बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि अलग राज्य का मौका एक बार गोरामुमो प्रमुख सुभाष घीसिंग को भी मिला था, लेकिन इस मौके को उन्होंने गंवा दिया। गोरखालैंड सौ वर्ष से भी ज्यादा पुरानी मांग है और इससे समझौता नहीं किया जा सकता है। यह गोरखाओं के पहचान से जुड़ा मुद्दा है। गोरखालैंड स्थानीय प्रशासन लोगों को ठगने का तरीका बनकर रह गया है और इससे विकास का झूठा नारा दिया जा रहा है।

Posted by Unknown on 11:10. Filed under , , . You can follow any responses to this entry through the RSS 2.0. Feel free to leave a response

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