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शरद पवार को थप्पड़ पर ना भी... हां भी

सिलीगुड़ी। अमेरिकी राष्ट्रपति पर जूते उछालने की घटना से शुरू नए चलन का शिकार गुरुवार को केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार भी हो गए। सिलीगुड़ी में भी इस पर मिली-जुली प्रतिक्रिया आई। थप्पड़ को जहां गलत भी ठहराया गया, वहीं इसके समर्थन में भी लोग दिखे। इस पर शहर के लोगों नेताओं से उनकी प्रतिक्रिया पूछी तो जवाब कुछ यूं आए -

विरोध करने का यह तरीका बिलकुल गलत है। आप कानून हाथ में नहीं ले सकते। लेकिन इस तरह से एक केंद्रीय मंत्री को थप्पड़ मारना यह दर्शाता है कि लोगों को इस सरकार पर कितना गुस्सा है। इसका असर तृणमूल कांग्रेस पर भी पड़ेगा, क्योंकि केंद्रीय सरकार की यह सहयोगी पार्टी है।

कमल अग्रवाल (माकपा पार्षद)

इस तरह से यदि एक वरिष्ठ नेता के साथ व्यवहार होता है तो हमलोग जैसे आम लोग कैसे सुरक्षित रहेंगे। वह चाहे जिस पार्टी के हैं, यहां पर पार्टी व राजनीति की बात नहीं होनी चाहिए, इसका सभी को विरोध करने की जरूरत है।

संजय पाठक, जिला कांग्रेस महासचिव

चाहे जिस कारण से केंद्रीय कृषि मंत्री को थप्पड़ मारा गया हो, लेकिन यह गलत है। भारतीय संस्कृति इसकी इजाजत नहीं देती। विरोध करने का यह तरीका गलत है। महंगाई को लेकर विरोध करने का और भी कई तरीका हो सकता है।

सविता देवी अग्रवाल (कांग्रेस पार्षद)

इसमें कुछ भी गलत नहीं हुआ है। महंगाई की मार हमलोगों पर इस तरह से पड़ी है कि हमलोग तो प्रतिदिन महंगाई का थप्पड़ खा रहे हैं। नेता लोगों की आंखे अब खुलनी चाहिए। यही हाल रहा तो थप्पड़ ही क्यो, बहुत कुछ मिलेगा।

रामचंद्र शर्मा (व्यवसायी)

हमलोग दिन भर कड़ी मेहनत कर कमाते हैं। हम टैक्स देते हैं और नेता करोड़ों-अरबों का घोटाला करते हैं। अब भी महंगाई को लेकर ये लोग गंभीर नहीं हुए व आमलोगों के हित में काम करना शुरू नहीं किये तो इस तरह का थप्पड़ अब रूटीन बन जाएगा।

रामश्वरूप शर्मा

बिलकुल ठीक, ऐसा ही होना चाहिए। देश के बारे में नहीं सोचने पर अब आम जनता ही इन नेताओं को सबक सिखाएगी। देश को बचाना है तो नेताओं को सबक सिखाना होगा।

दिपंकर राय सरकार

थप्पड़ ही क्यों, इन लोगों को कड़ी से कड़ी सजा देने की जरूरत है। जब भ्रष्टाचारी नेताओं पर किसी तरह की कार्रवाई नहीं होती है तब ऐसा ही देखने को मिलता है। नेताओं को आम आदमी के लिए सोचना होगा, वरना इस तरह की घटनाएं आम हो जाएंगी।

सुशांतो सिंह

सिर्फ वादा सुनते-सुनते आम लोग अब हताश हो गए हैं। यह घटना हताशा का परिचायक है। ऐसी घटना को रोकने के लिए देश के वरिष्ठ नेताओं को अब महंगाई के मुद्दे पर गंभीरता से विचार करना चाहिए।

मोहम्मद जांहगीर

गरीबी मिटाने के लिए नेताओं को गंभीरता से विचार करने की जरूरत है, लेकिन इस तरह से एक केंद्रीय मंत्री को थप्पड़ मारना गलत है। आजकल कुछ लोग अपने को हाईलाइट करने के लिए इस तरह का हथकंडा भी अपनाने लगे हैं। कार्रवाई होनी चाहिए।

मोहम्मद खुर्शीद

(साभार- जागरण)

Posted by Unknown on 11:45. Filed under , , . You can follow any responses to this entry through the RSS 2.0. Feel free to leave a response

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