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आ ही गई दून के दिल घंटाघर की याद

देहरादून। शहर के दिल घंटाघर की खूबसूरती पर चार चांद लग भी जाएं और जेब से ढेला भी खर्च हो। यह सोचकर नगर निगम प्रशासन काफी खुश था। इसके लिए नगर निगम ने बैंकों से बात की तो उन्होंने इसके लिए सैद्धांतिक सहमति तो दी, लेकिन निगम को इन प्रोजेक्ट्स की ऑफिसियल क्लीयरेंस नहीं दी। नतीजा शहर की ऐतिहासिक धरोहर अभी तक जीर्णोद्वार की राह ताक रही है। ऐसे में निगम महीनों के इंतजार के बाद अब खुद ही इनको बनाने की तैयारी कर रहा है। नगर निगम की ओर से घंटाघर के जीर्णोद्वार के लिए एक प्रोजेक्ट तैयार किया था। तकरीबन 36 लाख रुपये की लागत से होने वाले इस कार्य के लिए बैंकों से सैद्धांतिक सहमति ले ली गई थी। इसके अलावा आठ लाख की लागत से इंद्रमणि बडोनी पार्क सात लाख रुपये की लागत से अंबेडकर पार्क बनाने के लिए बैंकों से बातचीत हुई। निगम को उम्मीद थी कि बैंक उनकी इस योजना को जल्द शुरू कर देंगे, लेकिन बैंकों ने इन योजनाओं को फाइनल क्लीयरेंस नहीं दी। नतीजतन यह योजना अधर में ही लटकी रही। अब निगम को लगता है कि इन योजनाओं में बैंक रुचि नहीं दिखा रहे ऐसे में अब निगम को खुद ही इन योजनाओं में काम करना पड़ रहा है। निगम यदि इन योजनाओं पर पहले खुद ही पहल करता तो शायद यह अभी तक पूरी हो जाती। वहीं मेयर विनोद चमोली का कहना है कि एक-दो दिन में इन कार्यो के लिए टेंडर आमंत्रित कर दिए जाएंगे। निगम इन कार्यो को अब बोर्ड फंड से कराएगा।

(साभार - जागरण )

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