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DTA में हुए समझौते से मुकर गया WBTDC

सोनादा। बीते 7 सितंबर को डीटीए में हुई बैठक में पहाड़ के सभी चाय बगान श्रमिकों को 20 प्रतिशत के हिसाब से बोनस देने की घोषणा की गई थी, लेकिन अभी सात दिन भी नहीं बीते कि सरकार ने अपने वादे से मुकरते हुए डब्ल्यूबीटीडीसी अंतर्गत रहे चाय बगानों को सिर्फ 8.33 प्रतिशत के दर से पूजा बोनस दिये जाने की घोषणा कर दी है। सरकार केवल उन चाय बागानों को 20 प्रतिशत बोनस देगी, जो पश्चिम बंग चाय विकास निगम के अंतर्गत नहीं हैं और पश्चिम बंग चाय विकास निगम अधीन चाय बागानों को सिर्फ 8.33 प्रतिशत बोनस मिलेगा। निगम के इस निर्णय पर क्षुब्ध बने दार्जिलिंग तराई डुवार्स प्लांटेशन लेबर यूनियन ने विरोध करते हुए राज्य के के श्रम मंत्रालय और संबंधित विभागों में फैक्स भेज दिया है। यूनियन के केंद्रीय अध्यक्ष पीटी शेर्पा ने कहा कि निगम के निर्णय से यूनियन नाराज है।

यहां के सभी चाय बगान और निगम के अधीन चाय बागानों का श्रमिकों को 20 प्रतिशत बोनस देने का निर्णय और घोषणा सात सितंबर को डीटीए में बैठक के बाद हुआ था। इसके बाद डीटीए के निर्णय की अवहेलना की जा रही है। इससे समझ आ रहा है कि डीटीए का कोई औचित्य नहीं है। उन्होंने कहा कि कुछ भी हो 24 सितंबर तक सभी चाय श्रमिकों को 20 प्रतिशत बोनस मिलना चाहिए। सरकार बोनस पर सरकारी नियम ढूंढता है या उसका पालन करने की बात करता है तो इन श्रमिकों का भी सरकारी नियम के अधीन रखे। वेतन और सभी सुविधाएं सरकारी तौर पर दिए तो 8.33 का बोनस पर कोई एतराज नहीं होगा, लेकिन एकतरफा कार्रवाई नहीं की जानी चाहिए। उन्होंने इस संबंध गोजमुमो महासचिव रोशन गिरि कोलकाता में श्रम मंत्री व अन्य वरिष्ठ अधिकारियों से वार्ता कर रहे हैं और नतीजे निकालने का प्रयास हो रहा है। उन्होंने कहा कि 8.33 के हिसाब से बोनस दिया गया तो श्रमिक सड़क पर उतरने के लिए बाध्य होंगे और इसका कड़ा विरोध किया जाएगा। इस घटना में किसी की जान जाती है तो इसकी सारी जवाबदेही निगम की होगी।

Posted by Unknown on 22:30. Filed under , , , . You can follow any responses to this entry through the RSS 2.0. Feel free to leave a response

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