सोनादा। नगरपालिका चुनाव में क्रांतिकारी मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी भाग नहीं लेगा। इस चुनाव में प्रत्याशी नहीं उतारे जाएंगे और न ही किसी दल का समर्थन किया जाएगा। पूर्व में भले ही विभिन्न मुद्दों पर पार्टी नेताओं ने अखिल भारतीय गोरखालीग के नेताओं से बातचीत हुई हो, लेकिन इस चुनाव में समर्थन के बाबत कोई बातचीत नहीं हुई है। यह जानकारी क्रामाकपा नेता अरुण धतानी ने बातचीत के दौरान दी। उन्होंने कहा कि अखिल भारतीय गोरखालीग चुनाव में हिस्सा ले या नहीं, यह उनके पदाधिकारियों का निर्णय है। इससे पार्टी का कोई सरोकार नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के साथ मिलकर प्रदेश की सरकार पहाड़ पर कब्जा करना चाहती है। नगरपालिका पर भी दोनों मिलकर कब्जा चाहते हैं। हालांकि इससे क्रामाकपा का कोई मतलब नहीं है और पहाड़ में जब तक लोकतंत्र नहीं होगा पार्टी उम्मीदवार नहीं उतारेगी। उन्होंने कहा कि क्रामाकपा पहाड़ में लोकतंत्र लाने व इसके लिए माहौल तैयार करने के लिए हर संभव प्रयास करेगी।(साभार - जागरण)
09:39 |
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सोनादा। इस क्षेत्र की अधिकांश भूकंप पीड़ित अभी भी राहत शिविरों में रह रहे हैं। जो भवन क्षतिग्रस्त हो गए थे,
उनकी मरम्मत करा दी गई है। हालांकि जिन लोगों का घर पूर्ण रुप से क्षतिग्रस्त हो गया है,
उनके लिए प्राथमिक तौर से व्यवस्था की जाएगी। राहत सामग्री के वितरण में किसी प्रकार की कोताही नहीं होगी। यह जानकारी कर्सियांग के विधायक डॉ.
रोहित शर्मा ने बातचीत के दौरान दी। वह सोनादा में भूस्क्षलन व भूकंप से पीड़ित लोगों से मिलने आए थे। उन्होंने कहा कि भूकंप और भूस्खलन पीड़ितों को सुविधाएं देने की घोषणा करने से कुछ नहीं होगा। घोषणा करना कोई बड़ी बात नहीं है,
बल्कि व्यवस्था करना करवाना बड़ी बात है।पार्टी पीड़ितों को लेकर चिंतित है और पीड़ितों को हर सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी और इसमें किसी प्रकार की कोताही नहीं होगी। शीघ्र ही पीड़ितों के पुर्नवास या अन्य व्यवस्था के बारे में चर्चा की जाएगी। उन्होंने क्षेत्र में लगभग चार करोड़ के नुकसान की बात स्वीकार की और बताया कि इसकी रिपोर्ट शासन को अधिकारियों के द्वारा दी जाएगी। अभी तक जो भी ब्योरा निकल रहा है,
उसकी रिपोर्ट डीएम को दी जा रही है। गोरखालैंड क्षेत्रीय प्रशासन के तहत आने वाले क्षेत्र में जो भी नुकसान होगा,
उसके भरपाई के लिए प्रदेश व केंद्र से मांग की जाएगी। राहत पैकेज के बिना समझौता नहीं होगा। उन्होंने कहा कि गोजमुमो प्रमुख विमल गुरुंग व उनके प्रतिनिधि इस समय पूरे पहाड़ का निरीक्षण कर रहे हैं। अपने दौरे को भी उन्होंने इसी का नतीजा बताया।
10:17 |
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सोनादा। पिछले 7
सितंबर को दार्जिलिंग टी एसोसिएशन में श्रमिक संगठन और चाय बगान मालिकों के बीच हुए समझौते का उल्लंघन करते हुए पश्चिम बंग चाय किसान निगम ने इसके अधीन तीन चाय बागानों रंगमुक सिडर्स,
पान्दाम और रागेरुंग को सिर्फ 8.33
प्रतिशत बोनस देने की घोषणा की थी। इससे आक्रोशित डीटीडीपीएलयू ने आंदोलन की चेतावनी सरकार को दी थी। दार्जिलिंग तराई डुवार्स लेबर यूनियन के केंद्रीय अध्यक्ष पीटी शेर्पा ने कहा था कि सरकार अपने निर्णय पर अडिग रही तो आंदोलन तय है। इस बीच सरकार ने अपना रुख नरम कर लिया। गुरुवार को उन्होंने बताया कि श्रमिकों की मांग को मान लिया गया है। सभी चाय बागानों की तरह इन तीन निगम के अधीन चाय बागानों को भी 20 प्रतिशत बोनस देने पर सहमति बन गई है। डीटीए से यह घोषणा मिलने के बाद श्रमिकों ने एक-दूसरे से खुशियां बांटी। उन्होंने कहा कि बोनस 24 सितंबर को दिया जाएगा। इसके बाद यहां पर बोनस और पूजा की तैयारी शुरू हो जाएगी। उन्होंने कहा कि विगत 1982 में जब पहाड़ पर जीएलएलएफ पार्टी शासन कर रही थी तो उनके श्रमिक संगठन और क्रामाकपा के नेताओं ने बागान मालिकों से मिलकर कुछ समझौते किए थे। जो इस समय मात्र कानून बनकर रह गये हैं। इस समझौते के कारण अब भी श्रमिकों और संगठनों को कई मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने श्रमिकों को पूजा बोनस मिलने का श्रेय गोरखा जनमुक्ति मोर्चा प्रमुख विमल गुरुंग को दिया है।
05:06 |
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सोनादा. लगातार हो रही बारिश ने लोगों की चिंता बढ़ा दी है। इससे भूस्खलन की आने की प्रबल संभावना हो गई है। पिछले रविवार को आए भूकंप के बाद क्षेत्र में जगह-जगह भूस्खलन आने का सिलसिला जारी है और इससे लोगों की समस्या बढ़ती जा रही है। घरों में दरारें पड़ने और इसके मलबे में लोगों के दबने की घटना रोज हो रही है। भूकंप के तीन दिन पहले बारिश होने के कारण कच्ची जमीन बन गयी थी। यह भूकंप के कारण से खिसक गया। अभी पांच दिनों से यहां पर रुक-रुककर बारिश होने और कभी तेज धूप होने से खतरा बढ़ता जा रहा है। आस-पास के इलाकों में बड़ी-बड़ी दरारें पड़ने और भूस्खलन आने से अभी तक कई लोगों ने अपना घर छोड़ दिया है। लोग अपने घरों को छोड़कर किसी सुरक्षित स्थानों व राहत शिविरों में रह रहे हैं।
गोजमुमो दार्जिलिंग महकमा समिति के वरिष्ठ सदस्य हेम राई ने बताया कि इस क्षेत्र में भूकंप और भूस्खलन के कारण पीड़ित लोगों, उनके संपति के नष्ट होने के बाद भी अभी तक कोई सहायता नहीं दी गई है। शीघ्र ही राहत कार्यो और क्षतिपूर्ति के लिए प्रयास किया जाएगा। यहां के खंड अधिकारी ने अभी तक सिर्फ विभिन्न स्थानों का निरीक्षण किया है, लेकिन अभी भी कई क्षेत्रों का उन्होंने दौरा नहीं किया है। पीड़ित परिवारों को ब्लॉक कार्यालय से केवल तारपोलिन ही मिला है। उन्होंने सोनादा क्षेत्र के नीचे फूलबारी चाय बगान में पूरा गांव जिसमें 64 घर है, उन सभी परिवारों को राहत शिविरों में रखा गया है। इस गांव को सिर्फ एक झटका लग गया तो पूरा गांव भूस्खलन के चपेट में चला जाएगा। छोटे-बड़े सभी गांव-बस्ती और चाय बागानों में दो हजार से ऊपर लोग राहत शिविरों में रह रहे हैं। इसकी जानकारी खंड अधिकारी ने दी है।
21:37 |
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सोनादा। गोरखा जनमुक्ति मोर्चा सोनादा खंड समिति के नेतृत्व में समिति का बुद्धिजीवी प्रकोष्ठ सेल के प्रतिनिधियों ने कर्सियांग विधानसभा के विधायक डा.
रोहित शर्मा से भेंट की। भेंट-
वार्ता में 24
जुलाई को खंड तीन समिति गोजमुमो ने विधायक को दिये गए 30
सूत्रीय ज्ञापन के बारे में बातचीत की। विधायक शर्मा ने प्रतिनिधिमंडल से बातचीत के दौरान उन्हें आश्वस्त किया कि सोनादा उच्च माध्यमिक विद्यालय को अपग्रेड किया जाएगा और इस क्रम में काफी कार्य भी हो चुका है। उन्होंने कहा कि केवल एक महीने के अंदर सोनादा हाई स्कूल को अपग्रेड करके एकाध और श्रेणी को मान्यता दिलाई है। इसके साथ ही सोनादा पुलिस आउट पोस्ट को अपग्रेड करके थाना में तब्दील करना और यहां अलग से अग्निशम विभाग को स्थापित करने के लिए राज्य के मंत्रियों से बात हो चुकी है और इसके लिए प्रस्ताव भी दे दिया गया है। शीघ्र ही इस दिशा में कार्य हो जाएगा। विधायक ने बताया कि इसके अलावा बंगलो सुकिया खंड विकास को विभाजित करके अलग सोनादा रंगबुल खंड विकास कार्यालय बनवाने की मांग को लेकर स्वयं मोर्चा अध्यक्ष विमल गुरुंग ने पहले से ही मंत्री स्तर पर बात कर ली है। यही नहीं सोनादा रंगबुल खंड विकास के लिए वह स्वयं संबंधित मंत्री और विभागीय सचिव से बात हुई है। प्रतिनिधिमंडल में गोजमुमो निम्न सोनादा खंड तीन सभापति महेंद्र प्रधान,
सचिव शंकर लामा,
बुद्धिजीवी सेल से एनआर भोटिया,
एलके गुरुंग और अन्य लोग मौजूद रहे।
21:51 |
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सोनादा। पश्चिम बंग चाय विकास निगम के अधीनस्थ पहाड़ के तीन चाय बागानों के श्रमिकों को 8.33
प्रतिशत पूजा बोनस दिये जाने को लेकर मामला तूल पकड़ता जा रहा है। श्रमिक संगठन इसके खिलाफ मुखर होने लगे हैं। बुधवार को रंगमुल-
सिडर्स चाय बागान के गोजमुमो व दार्जिलिंग तराई-
डुवार्स प्लांटेशन लेबर यूनियन के पदाधिकारियों ने संयुक्त बैठक की। इसमें तय हुआ कि पूजा बोनस को लेकर पूर्व में ही तय हो चुका है कि सभी बागान के श्रमिकों को 20
प्रतिशत पूजा बोनस मिलेगा। ऐसे में तीन चाय बागान के श्रमिकों को इससे वंचित किया गया तो वह सड़क पर उतरने के लिए बाध्य होंगे और आंदोलन तय है। वक्ताओं ने कहा कि जबरदस्ती पूजा बोनस कम प्रतिशत पर दिया गया तो इसका परिणाम ठीक नहीं होगा। यूनियन के केंद्रीय सदस्य बविन सुब्बा ने कहा कि पश्चिम बंग चाय विकास निगम के अधीन यह चाय बागान हैं। इसमें रंगमुल सिडर्स, पान्दाम और रागेरुंग चाय बागान शामिल हैं। यह तीनों बागान दार्जिलिंग टी एसोसिएशन के सदस्य भी हैं। बीते सात सितंबर को डीटीए में चाय बागान के मालिक पक्ष और श्रमिक संगठनों के बीच हुए समझौता में सभी चाय बागान के श्रमिकों को पूजा बोनस 20 प्रतिशत दिये जाने पर सहमति बनी थी, लेकिन अब निगम अपने वादे से मुकर रहा है। यह बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि तीनों बागान के श्रमिकों को निर्धारित पूजा बोनस नहीं मिला तो कोई श्रमिक पूजा बोनस नहीं लेगा और तीनों बागान के श्रमिक सड़कों पर उतरेंगे। खुलकर विरोध किया जाएगा और मांगे पूरी नहीं होने तक यह आंदोलन जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि इस मामले का परिणाम नहीं निकलने तक आंदोलन जारी रहेगा और इस समय कोलकाता में गोजमुमो के केंद्रीय महासचिव रोशन गिरि सहित अन्य नेता इस मसले पर विभाग के मंत्री व अधिकारियों से बातचीत कर रहे हैं।
(साभार - जागरण)
11:03 |
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सोनादा। बीते 7 सितंबर को डीटीए में हुई बैठक में पहाड़ के सभी चाय बगान श्रमिकों को 20 प्रतिशत के हिसाब से बोनस देने की घोषणा की गई थी, लेकिन अभी सात दिन भी नहीं बीते कि सरकार ने अपने वादे से मुकरते हुए डब्ल्यूबीटीडीसी अंतर्गत रहे चाय बगानों को सिर्फ 8.33 प्रतिशत के दर से पूजा बोनस दिये जाने की घोषणा कर दी है। सरकार केवल उन चाय बागानों को 20 प्रतिशत बोनस देगी, जो पश्चिम बंग चाय विकास निगम के अंतर्गत नहीं हैं और पश्चिम बंग चाय विकास निगम अधीन चाय बागानों को सिर्फ 8.33 प्रतिशत बोनस मिलेगा। निगम के इस निर्णय पर क्षुब्ध बने दार्जिलिंग तराई डुवार्स प्लांटेशन लेबर यूनियन ने विरोध करते हुए राज्य के के श्रम मंत्रालय और संबंधित विभागों में फैक्स भेज दिया है। यूनियन के केंद्रीय अध्यक्ष पीटी शेर्पा ने कहा कि निगम के निर्णय से यूनियन नाराज है।
यहां के सभी चाय बगान और निगम के अधीन चाय बागानों का श्रमिकों को 20 प्रतिशत बोनस देने का निर्णय और घोषणा सात सितंबर को डीटीए में बैठक के बाद हुआ था। इसके बाद डीटीए के निर्णय की अवहेलना की जा रही है। इससे समझ आ रहा है कि डीटीए का कोई औचित्य नहीं है। उन्होंने कहा कि कुछ भी हो 24 सितंबर तक सभी चाय श्रमिकों को 20 प्रतिशत बोनस मिलना चाहिए। सरकार बोनस पर सरकारी नियम ढूंढता है या उसका पालन करने की बात करता है तो इन श्रमिकों का भी सरकारी नियम के अधीन रखे। वेतन और सभी सुविधाएं सरकारी तौर पर दिए तो 8.33 का बोनस पर कोई एतराज नहीं होगा, लेकिन एकतरफा कार्रवाई नहीं की जानी चाहिए। उन्होंने इस संबंध गोजमुमो महासचिव रोशन गिरि कोलकाता में श्रम मंत्री व अन्य वरिष्ठ अधिकारियों से वार्ता कर रहे हैं और नतीजे निकालने का प्रयास हो रहा है। उन्होंने कहा कि 8.33 के हिसाब से बोनस दिया गया तो श्रमिक सड़क पर उतरने के लिए बाध्य होंगे और इसका कड़ा विरोध किया जाएगा। इस घटना में किसी की जान जाती है तो इसकी सारी जवाबदेही निगम की होगी।
22:30 |
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सोनादा। वर्ष 1988
से दार्जिलिंग गोरखा पार्वत्य परिषद के अधीन कार्यरत अस्थाई कर्मचारी जीटीए गठन होने से जितना खुश हैं,
उतनी खुशी अस्थायी कर्मचारियों को पे-
बैंड के तहत सेमी तौर पर स्थायी करने से नहीं है। अस्थायी कर्मचारी पे-
बैंड योजना को लेकर काफी असंतुष्ट है और राज्य सरकार से निकाला गया पे-
बैंड नोटिफिकेशन के साथ ही जीटीए समझौते पत्र के क्रम संख्या नौ के क्लोज और मोर्चा नेताओं के दिये गए बयान से अलग है। इस बाबत कर्सियांग में कार्यरत अस्थायी कर्मचारी मित्र गुरुंग व राजेश तमांग का कहना है कि राज्य सरकार से दिया गया पे-बैंड और इसके नोटिफिकेशन से साफ जाहिर होता है। जो अस्थायी कर्मचारी पिछले 10 वर्ष से काम कर रहा है। उसे पे- बैंड के तहत सेमी स्थायी किया जाएगा और उसे सिर्फ बेसिक स्केल मिलेगा। उस हिसाब से ही ग्रेड के तहत कर्मचारियों के लिए जो 10 वर्ष का मानक बनाया गया उसे 6600 रुपये, सी ग्रेड के कर्मियों को 8400 मिलेगा। इसके अलावा कुछ भी नहीं मिलेगा और सेवानिवृत होने पर एक मुस्त एक लाख रुपये दिया जाएगा। इन असंतुष्ट कर्मचारियों का कहना है कि इस 10-12 वर्ष के बाद एक लाख रुपये का महत्व कितना होगा? यह भी सवाल उठाया कि आंदोलन इसी नतीजे के लिए किया गया था। आमरण अनशन पर बैठे थे।
कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि गोरखालैंड जैसे मुद्दे को छोड़कर जीटीए मिल सकता था तो 6221 अस्थायी कर्मचारियों को स्थायी करना कोई बड़ी बात नहीं थी। दार्जिलिंग विधायक त्रिलोक देवान ने कहा कि 10 वर्ष पूर्व दागोपाप में बिता चुके अस्थायी कर्मचारियों को जीटीए में स्थानांतरित किया जाएगा। कर्मचारियों का कहना है कि केवल 10 वर्ष कर्मचारियों को जीटीए में स्थानांतरित करेगा तो बाकी कर्मचारियों का क्या होगा। जीटीए में स्थानांतरित किया तो पूर्ण स्थायीकरण देगा। 10 वर्ष मानक का पे बैंड में डालकर वही पुरानी नीति चालू करेगा। पे-बैंड दे और न दे इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों के स्थायीकरण को नेता भूल चुके हैं और पे-बैंड भी प्रभावित होना तय है।
10:46 |
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सोनादा. मोर्चा के सांगठनिक गतिविधि और जीटीए के बारे में जन जागरण करने नारी मोर्चा प्रमुख आशा गुरुंग शनिवार को यहां के चाय बगान क्षेत्र में पहुंचीं। सन्त मेरिज गोयल्स साइडिंग खंड समिति के तत्वावधान में आयोजित सिंगेल चाय बगान में सभा को संबोधित करते हुए नारी मोर्चा प्रमुख ने कहा कि जीटीए विधानसभा में पास होने से भले ही मोर्चा कार्यकर्ता खुशी मना रहे हैं, लेकिन मन अभी प्रसन्न नहीं है। क्योंकि अभी तराई-डुवार्स गोरखालैंड टेरिटोरियल एडमिनिस्ट्रेशन में शामिल नहीं किया गया। जिस दिन तराई डुवार्स जीटीए में शामिल हो जाएगा, उस दिन नारी मोर्चा अन्य इकाईयों के कार्यकर्ताओं के साथ दिल से खुशी मनाएगी। उन्होंने कहा कि जीटीए से लोगों को ज्यादा खुश होने की आवश्यकता नहीं है।
अभी गोरखा समुदाय के लिए बहुत कदम उठाए जाने हैं और सभी का विकास होगा तभी खुशी मनाने में अच्छा लगेगा। नारी मोर्चा प्रमुख ने तराई डुवार्स पर जोर देते हुए कहा कि तराई डुवार्स छूट गए तो शहीद अकबर लामा, विक्की खवास और तमाम शहीदों के साथ यह अन्याय होगा। यह साफ है कि किसी भी हालत तराई डुवार्स लेकर रहेंगे। इसके लिए तराई-डुवार्स के लोगों को हताश नहीं होना चाहिए। पहाड़ के लोग उनके साथ हैं। उन्होंने कहा कि जीटीए से पहाड़ के साथ पूरे तराई व डुवार्स का विकास होगा और इसके तहत चिकित्सा, शिक्षा, पर्यटन, मूलभूत समस्याओं को दूर करने के लिए हर संभव कदम उठाए जाएंगे। सभा को नारी मोर्चा केंद्रीय सदस्य ज्योति गुरुंग, महकमा अध्यक्ष क्षेत्री, सचिव शांता सहित अन्य लोगों ने विचार व्यक्त किये.
(साभार-जागरण )
02:43 |
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