मुम्बई में नौसेना की पनडुव्बी में विस्फोट, 18 नौसैनिकों के मरने की आशंका
मुम्बई : स्वाधीनता दिवस से ठीक एक दिन पहले हुए भीषण हादसे में मुम्बई के कड़ी सुरक्षा वाले सैन्य क्षेत्र में बीती आधी रात को नौसेना की एक पनडुव्बी में भीषण विस्फोट के बाद आग लग गई। इसमें 18 नौसैनिक सवार थे। आईएनएस सिंधुरक्षक पनडुव्बी में हुआ यह विस्फोट इतना भयावह था कि मुम्बई में नौसेना की गोदी और उसके आसपास का इलाका दहल गया और समुद्र के पार का आकाश इस धमाके की चौंध से भर गया।
हादसे के तुरंत बाद 16 दमकलों को भेजा गया और तड़के करीब 3 बजे तक आग पर काबू पा लिया गया, लेकिन तब तक पनडुव्बी लगभग स्वाहा होकर डूब चुकी थी और उसका कुछ ही हिस्सा पानी की सतह पर दिख रहा था। नौसेना के गोताखोरों और अन्य राहत दल को मौके पर भेजकरपनडुव्बी में सवार 18 नौसैनिकों का पता लगाने के प्रयास किए जा रहे हैं। सूत्रों के अनुसार पनडुव्बी के भीतर विस्फोट आधी रात के तुरंत बादहुआ और पूरी पनडुव्बी आग के गोले में तव्दील हो गई। सिंधुरक्षक के पास नौसेना की दूसरी पनडुव्बी आईएनएस सिंधुरत्ना भी तैनात थी, जिसे तुरंत सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया।
हादसे के तुरंत बाद 16 दमकलों को भेजा गया और तड़के करीब 3 बजे तक आग पर काबू पा लिया गया, लेकिन तब तक पनडुव्बी लगभग स्वाहा होकर डूब चुकी थी और उसका कुछ ही हिस्सा पानी की सतह पर दिख रहा था। नौसेना के गोताखोरों और अन्य राहत दल को मौके पर भेजकरपनडुव्बी में सवार 18 नौसैनिकों का पता लगाने के प्रयास किए जा रहे हैं। सूत्रों के अनुसार पनडुव्बी के भीतर विस्फोट आधी रात के तुरंत बादहुआ और पूरी पनडुव्बी आग के गोले में तव्दील हो गई। सिंधुरक्षक के पास नौसेना की दूसरी पनडुव्बी आईएनएस सिंधुरत्ना भी तैनात थी, जिसे तुरंत सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया।
नौसेना की पनडुव्बी में यह विस्फोट ऐसे समय हुआ है जब स्वाधीनता दिवस के मौके पर पूरी मुम्बई के समुद्रतटीय इलाके में हाई अलर्ट था। इस हादसे के बाद नौसेना के सभी प्रतिष्ठानों को सतर्क कर दिया गया है। हादसे की जांच के आदेश दे दिए गए हैं और विस्फोट के कारणों का पता लगाया जा रहा है। भारतीय नौसेना को यह भारी झटका दो बड़ी उल्लासपूर्ण घाटनाओं के बाद लगा है। पिछले शनिवार को नौसेना की परमाणु पनडुव्बी का परमाणु रिएक्टर चालू किया था और इसके बाद 12 अगस्त को स्वदेशी विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत के जलावतरण से पूरी नौसेना में जश्न था।